- भारतीय सेना के द्वारा आज अपना 73वां थल सेना स्थापना दिवस मनाया जा रहा है | इस मौके पर राजधानी दिल्ली में कैंट स्थित करियप्पा ग्राउंड में सेना दिवस
परेड का आयोजन किया गया |
पृष्ठभूमि
- 15 जनवरी को आर्मी डे मनाने के पीछे दो बड़े कारण हैं-
- पहला : 15 जनवरी 1949 के दिन से ही भारतीय सेना पूरी तरह ब्रिटिश थल सेना से मुक्त हुई थी |
दूसरा : इसी
दिन जनरल केएम करियप्पा को भारतीय थल सेना का कमांडर इन चीफ बनाया गया था |
लेफ्टिनेंट करियप्पा लोकतांत्रिक भारत के पहले सेना
प्रमुख थे| के.एम. करियप्पा ‘किप्पर’ नाम
से काफी मशहूर थे |
भारतीय थलसेना
भारतीय थलसेना, सेना
की भूमि-आधारित दल की शाखा है और यह भारतीय सशस्त्र बल का सबसे बड़ा अंग है।
भारतीय सेना का उद्भव ईस्ट इण्डिया कम्पनी, जो कि ब्रिटिश भारतीय सेना के रूप में परिवर्तित हुई थी और भारतीय राज्यों की सेना से हुआ जो स्वतंत्रता के पश्चात राष्ट्रीय सेना के रूप में परिणत हुई।
भारतीय सेना में कुल 380 इंफेंट्री बटालियन और 63 राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन हैं | इंफेंट्री में अलग-अलग रेजिमेंट्स हैं जैसे राजपूत
रेजिमेंट, सिख रेजिमेंट, जाट
रेजिमेंट,
ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट | इनमें से कई रेजिमेंट्स 250 साल से ज्यादा पुराना है |
भारतीय थलसेना का उद्देश्य
बाहरी खतरों के विरुद्ध शक्ति संतुलन के
द्वारा या युद्ध छीड़ने की स्थिति में संरक्षित राष्ट्रीय हितों, संप्रभुता की
रक्षा, क्षेत्रीय अखंडता और भारत की एकता की रक्षा करना।
सरकारी तन्त्र को छाया युद्ध और आन्तरिक खतरों में मदद करना और आवश्यकता पड़ने पर नागरिक अधिकारों में सहायता करना।"
दैवीय आपदा जैसे भूकंप,बाढ़ , समुद्री तूफान ,आग लगने ,विस्फोट आदि के
अवसर पर नागरिक प्रशासन की मदद करना।
नागरिक प्रशासन के पंगु होने पर उसकी सहायता करना।
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