हाल ही में देश में एडवांस
टेक्नोलॉजी वाले नए उद्यमों और नवोन्मेष को बढ़ावा देने के लिये प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी ने 1,000 करोड़ रुपये के ‘स्टार्टअप इंडिया सीड
फंड’ की शुरुआत की घोषणा की है |
उद्देश्य
स्टार्ट-अप इंडिया सीड फंड का निर्माण स्टार्टअप को होने वाली फंड की कमी को पूरा करने के लिए किया गया है | इससे नए व्यवसायी खुद का व्यवसाय शुरू कर सकेंगे और दूसरों को भी रोजगार दे सकेंगे |
मुख्य तथ्य
हाल ही में दिल्ली में दो दिवसीय स्टार्टअप इंडिया इंटरनेशनल समिट का शुभारंभ हुआ जिसके दौरान प्रधानमंत्री ने ‘स्टार्टअप इंडिया सीड फंड’ की घोषणा की थी | प्रधानमंत्री ने इस दौरान स्टार्टअप इको सिस्टम को विकसित करने के सामूहिक प्रयास को वैश्विक स्तर पर मजबूत करने की बात कही | स्टार्ट-अप के मामलें में भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है | वर्तमान परिदृश्य में भारत में 41000 से अधिक स्टार्ट अप कार्यरत है जिसमें लगभग 5700 स्टार्ट अप आई. टी. क्षेत्र में कार्यरत है तथा लगभग 1700 कृषि क्षेत्र से सम्बद्ध है | वर्ष 2014 से पूर्व देश में सिर्फ 4 यूनिकोर्न कंपनियाँ थी परंतु वर्तमान में 30 यूनिकोर्न कंपनियाँ है | ज्ञातव्य है कि देश के 11 स्टार्टअप कंपनियाँ कोरोना काल के दौरान ‘यूनिकॉर्न क्लब’ में पहुंचे | विदित हो कि ऐसा स्टार्टअप जिसका मूल्यांकन एक अरब डॉलर तक पहुंच जाता है, वह यूनिकॉर्न कहलाता है | भारत में 44 प्रतिशत मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स में महिलाएं निदेशक हैं और इन स्टार्टअप में काम करने वाली महिलाओं की संख्या बहुत ज्यादा है।
स्टार्टअप इंडिया इंटरनेशनल समिट
नई दिल्ली में दो दिवसीय स्टार्टअप इंडिया अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन हुआ है। यह सम्मेलन देश में स्टार्ट-अप इंडिया अभियान के पांच साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित किया गया | सम्मेलन में बिमस्टेक सदस्य देशों की भी भागीदारी थी | बिमस्टेक बंगाल की खाड़ी क्षेत्र के देशों में बहुक्षेत्रीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग की पहल वाला क्षेत्रीय संगठन है | इसमें भारत के अलावा बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाइलैंड को मिलाकर सात देश शामिल हैं |
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