हाल ही में ब्रिटिश
प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भारत, ऑस्ट्रेलिया
और दक्षिण कोरिया को जून
में होने वाले G7 शिखर
सम्मेलन में ‘अतिथि देश’ के रूप में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया
गया है।
मुख्य
तथ्य
इस वर्ष 11 जून से 13 जून के बीच G7 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा , कोरोना महामारी और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी | यह शिखर सम्मेलन दक्षिण-पश्चिम इंग्लैंड के कॉर्नवॉल में आयोजित किया जाएगा जिसकी अध्यक्षता ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन द्वारा की जाएगी | ज्ञातव्य है कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन इस वर्ष भारत के गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने वाले थे परंतु ब्रिटेन में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के कारण असमर्थता व्यक्त व्यक्त करते हुए दौरा रद्द किया था | ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपनी यात्रा रद्द करने पर खेद व्यक्त किया |
G7 शिखर सम्मेलन
G-7 अर्थात ‘ग्रुप ऑफ सेवन’ , दुनिया की सात सबसे बड़ी विकसित और उन्नत अर्थव्यवस्था वाले देशों का समूह है, जिसमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमरीका शामिल हैं | यह एक अंतर सरकारी संगठन है जिसे वर्ष 1975 में उस समय की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं द्वारा विश्व के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिये एक अनौपचारिक मंच के रूप में गठित किया गया था। उल्लेखनीय है कि वर्ष 1997 में रूस के इस समूह में शामिल होने के बाद कई वर्षों तक G-7 को 'G- 8' के रूप में जाना जाता था, लेकिन वर्ष 2014 में रूस को क्रीमिया विवाद के बाद समूह से निष्कासित कर दिये जाने के पश्चात् समूह को एक बार पुनः G-7 कहा जाने लगा | G-7 का कोई भी औपचारिक संविधान या एक निर्धारित मुख्यालय नहीं है। इस समूह का उद्देश्य "कम्यूनिटी ऑफ़ वैल्यूज" यानी उन मूल्यों का आदर करना, जो स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की सुरक्षा, लोकतंत्र और क़ानून का शासन और समृद्धि और सतत विकास, जैसे सिद्धांतो को बढ़ावा देते है |
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