Date : 26/01/2021 (Reading time : 5  Minutes)
नमामि गंगे मिशन


हाल ही में  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 'नमामि गंगे मिशन' (Namami Gange Mission) के तहत हरिद्वार, ऋषिकेश और बद्रीनाथ समेत कई शहरों की 6 बड़ी परियोजनाओं का उद्घाटन किया. इसमें हरिद्वार, ऋषिकेश, बद्रीनाथ और मुनि की रेती में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और म्यूजियम जैसे प्रोजेक्ट भी शामिल हैं|

नमामि गंगे मिशन का प्रमुख उदेश्य गंगा की पूर्ण सफाई कर प्रदुषण मुक्त करना तथा  नमामि गंगे प्रोजेक्ट के द्वारा गंगा के किनारे बसे लोगों का आर्थिक उत्थान करना है |

उत्तराखंड के मेगा परियोजना

इन परियोजनाओं में 68 मिलियन लीटर प्रतिदिन की क्षमता वाले एक नए अपशिष्ट जल शोधन संयंत्र (एसटीपी) का निर्माण, हरिद्वार के जगजीतपुर में स्थित 27 एमएलडी क्षमता वाले एसटीपी के अपग्रेडेशन और हरिद्वार के ही सराई में 18 एमएलडी क्षमता वाले एसटीपी का निर्माण शामिल है.

जगजीतपुर का 68 एमएलडी क्षमता वाला एसटीपी, सार्वजनिक निजी भागीदारी से पूरी की गई पहली हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल वाली परियोजना है. ऋषिकेश में लक्कड़घाट पर 26 एमएलडी क्षमता वाले एक एसटीपी का भी उद्घाटन किया जाएगा.

उत्तराखंड में हरिद्वार-ऋषिकेश क्षेत्र से गंगा नदी में लगभग 80 प्रतिशत अपशिष्ट जल बहाया जाता है, ऐसे में यहां कई एसटीपी परियोजनाओं का निर्माण गंगा नदी को स्वच्छ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

नमामि गंगे परियोजना

यह योजना केंद्र सरकार की है जिसे साल 2014 में शुरू किया गया था. सरकार द्वारा इस परियोजना की शुरुआत गंगा नदी के प्रदूषण को कम करने तथा गंगा नदी को पुनर्जीवित करने के मुख्य उद्देश्य से की गई थी | इस योजना का क्रियान्वयन केंद्रीय जल संसाधन,नदी विकास और गंगा कायाकल्प मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है | उत्तराखंड में जो नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बने हैं, वे सभी अत्याधुनिक हैं |इनके जरिए सॉलिड वेस्ट को कम्पोस्ट के रूप में बदला जाएगा |


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