
भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने
संसद में 29 जनवरी को 2020-21
की आर्थिक समीक्षा पेश की |
आर्थिक समीक्षा एक
साल में देश के आर्थिक विकास का सालाना लेखा-जोखा होता है |
आर्थिक समीक्षा 2020-21 से संबन्धित मुख्य तथ्य
आर्थिक समीक्षा 2020-21 को भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन एवं उनके
सहायकों द्वारा तैयार किया गया है |
आर्थिक समीक्षा 2020-21 के अनुसार भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर में वित्त वर्ष 2020-21 में 7.7 प्रतिशत
की गिरावट होगी तथा वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 11 प्रतिशत और सांकेतिक जीडीपी वृद्धि दर 15.4 प्रतिशत रहेगी,
जो देश की आजादी के बाद सर्वाधिक है |
व्यापक टीकाकरण अभियान, सेवा क्षेत्र में तेजी से हो रही वृद्धि और उपभोग एवं निवेश में त्वरित वृद्धि की बदौलत
‘V’
आकार में आर्थिक विकास होगा | V’
आकार इकॉनमी जितनी तेजी से लुढ़कती है, उतनी ही तेजी से उबरती भी है।
कोविड-19 के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान को कम
करने में कृषि की भूमिका महत्वपूर्ण होगी | ज्ञातव्य है की कृषि
क्षेत्र की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2020-21 में 3.4 प्रतिशत अनुमानित है |
वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान उद्योग और सेवा क्षेत्र में क्रमशः 9.6 प्रतिशत
और 8.8 प्रतिशत की गिरावट की दर रही हैं |
आर्थिक समीक्षा 2020-21 के अनुसार दिसंबर 2020 में विदेशी मुद्रा भंडार
अगले 18 महीनों के आयात के लिए पर्याप्त है |
जीडीपी के अनुपात में विदेशी कर्ज मार्च 2020 के 20.6 प्रतिशत से बढ़कर सितंबर 2020
में 21.6 प्रतिशत हुआ है |
आर्थिक समीक्षा के बारे में
आर्थिक समीक्षा , वित्त मंत्रालय द्वारा तैयार सभी आर्थिक पहलुओं को समेटते हुए विस्तृत
सांख्यिकी आंकड़े प्रदान करने वाला आर्थिक विकास का सालाना दस्तावेज होता है |
आर्थिक समीक्षा को वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार
तैयार करते हैं |
ज्ञातव्य है कि भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) ने आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 का मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया |
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