Date : 30/01/2021 (Reading time : 5  Minutes)
आर्थिक समीक्षा 2020-21

भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण  ने संसद में 29 जनवरी को 2020-21 की आर्थिक समीक्षा पेश की  |

 आर्थिक समीक्षा  एक साल में देश के आर्थिक विकास का सालाना लेखा-जोखा होता है |

 

आर्थिक समीक्षा 2020-21 से संबन्धित मुख्य तथ्य

आर्थिक समीक्षा 2020-21 को भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन एवं उनके सहायकों द्वारा तैयार किया गया है |

आर्थिक समीक्षा  2020-21 के अनुसार भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर में वित्त वर्ष 2020-21 में 7.7 प्रतिशत की गिरावट होगी तथा वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की वास्‍तविक जीडीपी वृद्धि दर 11 प्रतिशत और सांकेतिक जीडीपी वृद्धि दर 15.4 प्रतिशत रहेगी, जो देश की आजादी के बाद सर्वाधिक है |

व्‍यापक टीकाकरण अभियान, सेवा क्षेत्र में तेजी से हो रही वृद्धि  और उपभोग एवं निवेश में त्‍वरित वृद्धि की बदौलत ‘V’ आकार में आर्थिक विकास होगा | V’ आकार इकॉनमी जितनी तेजी से लुढ़कती है, उतनी ही तेजी से उबरती भी है।

कोविड-19 के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान को कम करने में कृषि की भूमिका महत्वपूर्ण होगी | ज्ञातव्य है की कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2020-21 में 3.4 प्रतिशत अनुमानित है |

वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान उद्योग और सेवा क्षेत्र में क्रमशः 9.6 प्रतिशत और 8.8 प्रतिशत की गिरावट की दर रही हैं |

आर्थिक समीक्षा 2020-21 के अनुसार दिसंबर 2020 में विदेशी मुद्रा भंडार अगले 18 महीनों के आयात के लिए पर्याप्त है |

जीडीपी के अनुपात में विदेशी कर्ज मार्च 2020 के 20.6 प्रतिशत से बढ़कर सितंबर 2020 में 21.6 प्रतिशत हुआ है |

आर्थिक समीक्षा के बारे में

आर्थिक समीक्षा , वित्त मंत्रालय द्वारा तैयार सभी आर्थिक पहलुओं को समेटते हुए विस्तृत सांख्यिकी आंकड़े प्रदान करने वाला आर्थिक विकास का सालाना दस्तावेज होता है |

आर्थिक समीक्षा को वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार तैयार करते हैं |

ज्ञातव्य है कि भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) ने आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 का मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया |


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