1 जनवरी 2021 से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के गैर-स्थाई सदस्य के रूप में भारत
का 8वां कार्यकाल प्रारम्भ हो गया है।
मुख्य तथ्य
· पिछले वर्ष संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में गैर-स्थायी
सदस्य चुने जाने के लिए हुए मतदान में भारत ने 192 वैध वोटों में से 184 वोट हासिल किये थे।
· संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के साथ 4 अन्य देश नॉर्वे, केन्या,
आयरलैंड और मेक्सिको को भी चुना गया है।
· संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत नॉर्वे, केन्या, आयरलैंड और
मेक्सिको के अलावा पांच स्थायी सदस्यों चीन, फ्रांस,
रूस,
ब्रिटेन और अमेरिका तथा अन्य अस्थायी सदस्यों एस्तोनिया, नाइजर, सेंट विंसेंट, टड्ढूनीशिया और वियतनाम के साथ बैठेगा।
· भारत की अस्थाई सदस्यता के कारण सीमा पार आतंकवाद, आतंकवाद को फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग,
कश्मीर जैसे मुद्दों पर भारत की स्थिति मजबूत होगी।
· संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस
त्रिमूर्ति ने कहा कि सुरक्षा परिषद में भारत की मौजूदगी दुनिया में वसुधैव
कुटुंबकम की धारणा को मजबूत करेगी। विदित हो कि भारत अगस्त 2021 में 15 देशों वाली
इस परिषद के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी निभाएगा।
· भारत पहली बार 1950 में गैर-स्थायी सदस्य के रूप में चुना गया था और अब आठवीं बार चुना गया है।
उल्लेखनीय है कि भारत 2021-22 के कार्यकाल के लिए एशिया-प्रशांत श्रेणी से गैर-स्थायी
सीट के लिए एक मात्र उम्मीदवार था।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद
· इसकी वर्तमान संरचना में 5 स्थायी तथा 10 अस्थायी सदस्य (प्रत्येक 5 सदस्यों को प्रतिवर्ष 2 वर्ष के लिए
चुना जाता हैं। पांच स्थाई सदस्य-चीन, फ्रांस,
रूस,
ग्रेट ब्रिटेन और संयुत्तफ़ राज्य अमेरिका हैं। इनके पास
निषेधाधिकार की शत्तिफ़ है जो प्रायः विवाद का कारण बनती है।
· संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का मूल कार्य वैश्विक
शांति की स्थापना है। यह संयुत्तफ़ राष्ट्र संघ के कार्यकारी निकाय के रूप में भी
जानी जाती है।
· संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अन्य जिम्मेदारियों में
दुनियाभर के देशो में शांति मिशन भी भेजना है। इसके अलावा अगर दुनिया के किसी
हिस्से में मिलिट्री एक्शन की जरूरत होती है तो सुरक्षा परिषद रेजोल्यूशन के जरिए
उसे लागू भी करता है।
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